विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई एक राज्य प्रायोजित पहल है, जिसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के विवाह को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अंतर्गत ऐसे युगलों को वित्तीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है जिनमें से एक या दोनों में कम से कम 40% की प्रमाणित दिव्यांगता पाई जाती है। योजना के तहत विवाह का कानूनी रूप से पंजीकृत होना, निर्धारित आयु मानदंडों का पूरा होना, और यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि दोनों में से कोई भी आयकरदाता न हो। (दुल्हा के लिए ₹15,000, दुल्हन के लिए ₹20,000, और यदि दोनों दिव्यांग हैं तो कुल ₹35,000) प्रदान कर यह योजना सामाजिक समावेशन एवं आर्थिक सुदृढ़ीकरण को बढ़ावा देती है।
आधिकारिक पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
चरण 2
"रजिस्ट्रेशन" बटन पर क्लिक करें और व्यक्तिगत विवरण, दिव्यांगता के प्रकार एवं प्रतिशत, और विवाह से संबंधित जानकारी के साथ ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें।
चरण 3
सभी आवश्यक दस्तावेजों (आयु प्रमाण, पते का प्रमाण, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र, फोटो) के स्कैन किए गए प्रतियां अपलोड करें।
चरण 4
ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करें।
चरण 5
सिस्टम द्वारा जनरेटेड आवेदन फॉर्म का प्रिंट लेकर, आवश्यक दस्तावेजों के साथ जिला दिव्यांग सशक्तिकरण कार्यालय में 15 दिनों के भीतर हार्ड कॉपी जमा करें।
ऑनलाइन
दिव्यांग व्यक्तियों के विवाह को प्रोत्साहित करने और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए।
कम से कम 40% दिव्यांगता, सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित।
दुल्हन की आयु 18–45 वर्ष और दूल्हा की आयु 21–45 वर्ष होनी चाहिए।
हाँ, दोनों में से कोई भी आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करें और 15 दिनों के भीतर हार्ड कॉपी जमा करें।